ऑर्डर के प्रकार और इसकी वैधता

ऑर्डर के प्रकार और इसकी वैधता

ऑर्डर के प्रकार:

  1. लिमिट ऑर्डर: लिमिट ऑर्डर एक विशिष्ट कीमत पर स्टॉक खरीदने/बेचने का ऑर्डर है.  उदाहरण, अगर आप विप्रो के शेयर खरीदना चाहते हैं जो ₹295 में ट्रेडिंग कर रहा है, लेकिन आप इसके लिए ₹280 से अधिक का भुगतान नहीं करना चाहते हैं, तो आप ₹280 की लिमिट कीमत के साथ शेयर खरीदने के लिए एक लिमिट ऑर्डर दे सकते हैं
  2. स्टॉप लॉस ऑर्डर: यह स्टॉक के एक निश्चित कीमत पर पहुंचने के बाद उसे खरीदने या बेचने के लिए ब्रोकर को दिया गया ऑर्डर है.  स्टॉप लॉस को सिक्योरिटी पोजीशन पर इन्वेस्टर के नुकसान को सीमित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है.  जिस कीमत पर आपने स्टॉक खरीदा था उससे कम 10% पर स्टॉप लॉस सेट करने पर,वह आपके नुकसान को 10% तक सीमित कर देगा.
  3. ब्रैकेट ऑर्डर: 5paisa ब्रैकेट ऑर्डर प्रदान करता है जिसमें कस्टमर इंट्रा डे पोजीशन ले सकता है और स्टॉप लॉस ऑर्डर और प्रॉफिट ऑब्जेक्टिव (प्रॉफिट बुकिंग ऑर्डर) के माध्यम से सुरक्षित करते हुए अतिरिक्त एक्सपोज़र का लाभ उठा सकता है
  4. कवर ऑर्डर: कवर ऑर्डर एक मार्केट ऑर्डर है जो स्टॉप लॉस ऑर्डर के साथ दिया जाता है.  कवर ऑर्डर में खरीद/बिक्री ऑर्डर हमेशा एक मार्केट ऑर्डर होता है जो सिस्टम द्वारा पूर्व-निर्धारित रूप में निर्दिष्ट रेंज में अनिवार्य स्टॉप लॉस ऑर्डर के साथ होता है जिसे कैंसल नहीं किया जा सकता है.
  5. बाय स्टॉप ऑर्डर: "बाय स्टॉप ऑर्डर" कस्टमर को प्री-स्पेसिफाइड कीमत पर पहुंचने पर स्टॉक खरीदने में सक्षम बनाता है.  एक बार जब कीमत उस स्तर पर पहुंच जाती है, तो खरीद स्टॉप या तो एक लिमिट या मार्केट ऑर्डर बन जाता है, जिसे अगली उपलब्ध कीमत पर भरा जा सकता है.  उदाहरण के लिए: अगर मौजूदा मार्केट की कीमत ₹ 100  है और आप 105 या उससे अधिक पर स्टॉक खरीदना चाहते हैं, तो आप SL फंक्शन का विकल्प चुन सकते हैं जिसमें आप सीमा मूल्य 105 और ट्रिगर मूल्य 104  दर्ज कर सकते हैं. जैसे ही मार्केट  104 तक पहुंचता है तो लिमिट प्राइज और ऑर्डर प्राइज के बीच उपलब्ध सर्वोत्तम मूल्य पर आपके ऑर्डर को ट्रिगर और निष्पादित किया जाएगा. स्टॉक को बुलिश मूवमेंट से बचाने के लिए बाय स्टॉप ऑर्डर है और यह एक ऐसा उपकरण है जिसका उपयोग कस्टमर द्वारा अनलिमिटेड शॉर्ट पोजीशन के संभावित नुकसान से सुरक्षा के लिए किया जाता है.
  6. सेल स्टॉप ऑर्डर: "सेल स्टॉप ऑर्डर" कस्टमर को प्री-स्पेसिफाइड कीमत पर पहुंचने पर स्टॉक बेचने में सक्षम बनाता है.  एक बार जब कीमत उस स्तर पर पहुंच जाती है, तो सेल स्टॉप या तो एक लिमिट या मार्केट ऑर्डर बन जाता है, जिसे अगली उपलब्ध कीमत पर भरा जा सकता है.  उदाहरण के लिए: अगर मौजूदा मार्केट की कीमत ₹ 100  है और आप ₹ 95 या उससे अधिक पर स्टॉक खरीदना चाहते हैं, तो आप SL फंक्शन का विकल्प चुन सकते हैं जिसमें आप लिमिट प्राइज ₹ 95 और ट्रिगर रेट 96 दर्ज कर सकते हैं. जैसे ही मार्केट ₹ 96 तक पहुंचती है तो लिमिट प्राइज और ऑर्डर प्राइज के बीच उपलब्ध सर्वोत्तम मूल्य पर आपके ऑर्डर को ट्रिगर और निष्पादित किया जाएगा. स्टॉक को बेरिश मूवमेंट से बचाने के लिए सेल स्टॉप ऑर्डर है और यह एक ऐसा उपकरण है जिसका उपयोग कस्टमर द्वारा अनकवर्ड लॉंग पोजीशन के संभावित अनलिमिटेड लोस से सुरक्षा के लिए किया जाता है.
  7. मार्केट ऑर्डर: कीमत की परवाह किए बिना विपरीत पक्ष में ऑर्डर की उपलब्धता के अधीन मार्केट ऑर्डर को तुरंत निष्पादित किया जाएगा और, जबकि ग्राहक को "मार्केट" ऑर्डर का त्वरित निष्पादन प्राप्त हो सकता है, लेकिन एक्जीक्यूशन बकाया ऑर्डर की कीमतों पर हो सकती है, जो प्राइज टाइम प्राइयोरिटी पर आर्डर की मात्रा को संतुष्ट करते हों.  यह समझा जा सकता है कि ये कीमतें पिछली ट्रेडेड कीमत या उस सिक्योरिटी/डेरिवेटिव कॉन्ट्रैक्ट में सबसे अच्छी कीमत से काफी भिन्न हो सकती है.

वैधता:

 

1.  डे ऑर्डर: दिन के अंत तक डे ऑर्डर मान्य होता है, अर्थात अगर ऑर्डर का स्टेटस ऑर्डर बुक में पेंडिंग दिखाई दे रहा है और पूरे ट्रेडिंग घंटों में 'पेंडिंग' रहता है, तो यह ऑटोमैटिकली कैंसल हो जाएगा क्योंकि मार्केट दिन के लिए बंद हो जाता है.

2. IOC ऑर्डर:  जैसे ही सिस्टम में ऑर्डर रिलीज होता है वैसे ही IOC ऑर्डर यूज़र को सिक्योरिटी खरीदने या बेचने की अनुमति देता है, जिसमें असफल होने पर ऑर्डर सिस्टम से कैंसल हो जाता है.  ऑर्डर के लिए पार्शियल मैच संभव है और ऑर्डर के बेमेल भाग को तुरंत कैंसल कर दिया जाएगा.

3. वैधता तिथि तक (VTD):  जैसे ही आपके द्वारा VTD में ऑर्डर दिया जाता है, आपका ऑर्डर उल्लिखित तिथि तक मान्य होगा (अधिकतम 45 दिन).                   आप VTD में केवल कैश डिलीवरी ऑर्डर दे सकते हैं.

 

ध्यान दें: हम मनी कंट्रैक्ट के लिए कॉल / पुट राइटिंग की अनुमति नहीं देते हैं.


    • Related Articles

    • आपके ट्रेडिंग अकाउंट में तुरंत पैसे ट्रांसफर करने के लिए बैंक विवरण

      बिना किसी डॉक्यूमेंटेशन के पैसे ट्रांसफर करके तुरंत क्रेडिट पाएं.  तुरंत क्रेडिट प्राप्त करने के लिए नीचे दी गई जानकारी देखें. ध्यान दें: पैसे आपके 5Paisa अकाउंट के साथ मैप किए गए रजिस्टर्ड बैंक अकाउंट से ही ट्रांसफर किए जाने चाहिए.   अपने बैंक ...
    • मैं बैंक अकाउंट से ट्रेडिंग अकाउंट में पैसे कैसे ट्रांसफर करूं?

      आप इन तरीकों से पैसे ट्रांसफर कर सकते हैं: विधि 1. नेट बैंकिंग अगर आप अपने बैंक अकाउंट से अपने 5Paisa ट्रेडिंग अकाउंट में पैसे ट्रांसफर करना चाहते हैं, तो आपको नेट बैंकिंग सुविधा को एक्टिवेट करना होगा.  हमारे पास इन 44 बैंकों के लिए पेमेंट गेटवे ...
    • ट्रेडिंग अकाउंट से बैंक अकाउंट में पैसे कैसे ट्रांसफर करें?

      अगर आप ट्रेडिंग अकाउंट से पैसे निकालना चाहते हैं, तो इन तरीकों का उपयोग करें: वेबसाइट प्लेटफॉर्म: www.5paisa.com पर लॉगिन करें  >> म्यूचुअल फंड के साथ उपलब्ध राशि पर क्लिक करें >> पे-आउट पर क्लिक करें मोबाइल प्लेटफॉर्म: हमारी 5paisa मोबाइल ऐप पर ...
    • नीलामी मेरे पोर्टफोलियो और लाभ और हानि को कैसे प्रभावित करती है?

      पोर्टफोलियो और लाभ एवं हानि में, खरीदार के लिए सेल एंटरी और विक्रेता के लिए बाद की बाई एंटरी नीलामी मूल्यांकन कीमत के साथ बनाई जाएगी.  PNL की गणना उसके मूल ट्रांजैक्शन के साथ की जाएगी.  ​ उदाहरण के लिए, रिलायंस इंडस्ट्रीज़ लिमिटेड के 100 शेयर ₹2237/- ...
    • म्यूचुअल फंड और SIP के बीच क्या अंतर है?

      म्यूचुअल फंड ऐसे इन्वेस्टमेंट इंस्ट्रूमेंट हैं जो इन्वेस्टर के पैसे इकट्ठा करते हैं और इन्वेस्टमेंट पर रिटर्न प्राप्त करने के लिए, अलग-अलग सिक्योरिटीज़ में इन्वेस्ट करते हैं.  इन्वेस्ट किए गए पैसे को प्रोफेशनल फंड मैनेजर द्वारा मैनेज किया जाता है.   ...